शनिवार, 17 दिसंबर 2011
बुधवार, 30 नवंबर 2011
जैसा विचार वैसा कार्य
मनुष्य के कार्य आमतौर से उसके विचारोँ के परिणाम होते हैँ। यह विचार आन्तरिक विश्वासोँ का परिणाम होते हैँ।
मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011
आलसी और परिश्रमी
आलसी मनुष्य अपने लक्ष्य तक कभी
नहीँ पहुँच पाता, किँतु कठोर परिश्रम करने वाला,
अपने प्रत्येक पल का सार्थक उपयोग करने वाला,
कभी भी अभावग्रस्त नहीँ रहता।
बुधवार, 28 सितंबर 2011
बुधवार, 14 सितंबर 2011
व्यक्तित्व
बुद्विमान व्यक्तियोँ की
प्रंशसा की जाती है;
धनवान व्यक्तियोँ से ईर्ष्या
की जाती है;
बलशाली व्यक्तियोँ से डरा
जाता है,
लेकिन विश्वास केवल
चरित्रवान व्यक्तियोँ पर
ही किया जाता है;
सोमवार, 5 सितंबर 2011
शनिवार, 6 अगस्त 2011
सांसो की सरगम से उपजा उल्लास
मंगलवार, 2 अगस्त 2011
गुस्से के सात रंग
जिँदगी मेँ तबाही और
नुकसान के पीछे की वजह
को गुस्सा बताने वाले
पारंपरिक गुरूओँ के
सिद्वान्तोँ को अब एंगर
मैनेजमेँट के गुरू चुनौती दे
रहेँ हैँ । वे कहते हैँ , हर
कामयाबी के पीछे होता है
गुस्सा ।
शुक्रवार, 29 जुलाई 2011
सत्कर्मोँ से ही कल्याण
एक बार राजा जनक मुनि पाराशर जी के सत्संग के लिए पहुँचे । उन्होँने मुनिश्री से पूछा , 'मुनिवर , कौन-सा कर्म संपूर्ण प्राणियोँ के लिए लोक व परलोक , दोनोँ मेँ कल्याणकारी है ?'
मंगलवार, 31 मई 2011
विश्वास और प्रार्थना
"विश्वास और प्रार्थना " आत्मा के दो विटामिन है;
कोई भी व्यक्ति इनके बिना स्वस्थ जीवनयापन नहीँ कर सकता है ।
शुक्रवार, 20 मई 2011
भाईचारे की आवश्यकता
हमेँ भाईयोँ की तरह मिलकर रहना अवश्य सीखना होगा अन्यथा मूर्खोँ की तरह सभी बरबाद हो जाएंगे ।
रविवार, 15 मई 2011
खुद पर भरोसा रखेँ
अपने आप पर यदि हमेँ विश्वास नहीँ है तो सफलता हमसे कोसोँ दूर रहती है । विश्वास ऐसी शक्ति है जो हमेँ कठिनाइयोँ मेँ संबल प्रदान करता है , हमारा मार्गदर्शन करता है । हमेँ प्रेरणा और उत्साह से भर देता है ।
शनिवार, 14 मई 2011
भूत, भविष्य और वर्तमान
जो बीत गया है उसकी परवाह न करेँ,
जो आने वाला है उसका स्वप्न न देखेँ ,
अपना सारा ध्यान वर्तमान पर केन्द्रित करेँ ।
मंगलवार, 5 अप्रैल 2011
आशा और प्रयास
जब दुनिया यह कहती है कि "हार मान लो" , तो
आशा धीरे से कान मेँ कहती है कि "एक बार फिर से प्रयास करो" ।
प्रसन्नता और सन्तुलन
प्रसन्नता इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने जीवन के समीकरण को सकारात्मक और नकारात्मक अनुभवोँ
तथा मनोवृत्तियोँ के बीच किस प्रकार से सन्तुलित करते हैँ ।
रविवार, 30 जनवरी 2011
बुराईयाँ और सृज्जनता
अगर आप अपने दिल और दिमाग के थोड़े से भी हिस्से को बुराईयोँ से रिक्त कर देगेँ
तो वह रिक्त स्थान अपने आप सृज्जनता से भर जायेगा ।
मंगलवार, 18 जनवरी 2011
स्वंय और ईश्वर मेँ विश्वास
आप ईश्वर मेँ तब तक विश्वास नहीँ कर सकेगेँ ;
जब तक कि आप अपने आप मेँ विश्वास नहीँ करेगेँ ;
शनिवार, 15 जनवरी 2011
सुधार करना और चाहत
प्रत्येक व्यक्ति पूरी दुनिया को सुधारना चाहता है ;
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति स्वंय मेँ कोई सुधार करना नहीँ चाहता है ;
शनिवार, 8 जनवरी 2011
सफलता और सकारात्मकता
एक व्यक्ति को सफल होने के लिए अति आवश्यक है कि उसमेँ सफलता की आस ;
असफलता के डर से कहीँ अधिक हो ;
बुधवार, 5 जनवरी 2011
प्रश्न पूछना और मूर्खता
जो व्यक्ति प्रश्न पूछता है वह कुछ क्षण मात्र के लिए मूर्ख बनता है ;
परन्तु जो व्यक्ति प्रश्न पूछता ही नहीँ वह जीवन भर मूर्ख बना रहता है ;
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