बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

आशावादी होना

आशावादी व्यक्ति हर आपदा मेँ एक अवसर देखता है;

निराशावादी व्यक्ति हर अवसर मेँ एक आपदा देखता है।

10 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

good effort, nice

Patali-The-Village ने कहा…

सही कहा है आपने|

ZEAL ने कहा…

That's true !

Manoj Kumar ने कहा…

bahut hi achha vichar. thanks.

Udan Tashtari ने कहा…

स्वागत है.

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

आपने मोबाईल पर लिखा लेकिन अच्छा लिखा . स्वागतम . मरहबा . welcome .

राम त्यागी ने कहा…

स्वागत है डॉ अशोक हिंदी ब्लॉग्गिंग में आपका !
लिखते रहिये ऐसे ही !

Ramesh singh ने कहा…

बहुत ही साकारात्मक लिख रहे हैँ। विचार काफी प्रेराणात्मक लगा, आभार।

समय ने कहा…

थोड़ा सा और स्पष्ट करने की जरूरत थी, वरना आपदा में अवसर देखने वाले से एक नकारात्मक सी छवि भी उभरती है।

शुक्रिया।

बेनामी ने कहा…

शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।

एक विचार : चाहे कोई माने या न माने, लेकिन हमारे विचार हर अच्छे और बुरे, प्रिय और अप्रिय के प्राथमिक कारण हैं!

-लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
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