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मंगलवार, 5 अप्रैल 2011
आशा और प्रयास
जब दुनिया यह कहती है कि "हार मान लो" , तो
आशा धीरे से कान मेँ कहती है कि "एक बार फिर से प्रयास करो" ।
1 टिप्पणी:
Vivek Jain
7 अप्रैल 2011 को 11:48 pm बजे
बढ़िया विचार,
विवेक जैन
vivj2000.blogspot.com
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