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जब दुनिया यह कहती है कि "हार मान लो" , तो
आशा धीरे से कान मेँ कहती है कि "एक बार फिर से प्रयास करो" ।
प्रसन्नता इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने जीवन के समीकरण को सकारात्मक और नकारात्मक अनुभवोँ
तथा मनोवृत्तियोँ के बीच किस प्रकार से सन्तुलित करते हैँ ।
जिसके पास स्वास्थ्य है , उसके पास आशा है ।
जिसके पास आशा है , उसके पास सब कुछ है ।