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शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

सार्मथ्य और कर्म


अगर हम अपने सार्मथ्यानुसार कर्म करेँ
तो हम अपने आप को अचंभित कर डालेँगेँ

बुधवार, 24 नवंबर 2010

मनोस्थिति और अनुभूति


एक अच्छा , स्वच्छ मन
वाला व्यक्ति दूसरोँ की
विशेषतायेँ देखता है;

दूषित मन वाला व्यक्ति
दूसरोँ मेँ बुराई ही ढूँढता
हैँ;

शनिवार, 20 नवंबर 2010

वर्तमान और भविष्य


वर्तमान समय मेँ जो कुछ आपके हाथ मेँ है,

यदि आप उसको महत्व नहीँ देते तो जो भविष्य मेँ आपको मिलने वाला है,

उसका सम्मान कैसे कर सकेँगे?

बुधवार, 17 नवंबर 2010

प्रेम और पवित्रता


जहाँ प्रेम नहीँ, वहाँ शान्ति नहीँ हो सकती।

जहाँ पवित्रता नहीँ, वहाँ प्रेम नहीँ हो सकता।

शनिवार, 13 नवंबर 2010

सुन्दरता


किसी भी वस्तु की सुन्दरता आपकी मूल्याँकन करने की योग्यता मेँ छिपी हुई है।

गुरुवार, 11 नवंबर 2010

बोलने मेँ संयम


श्रेष्ट व्यक्ति बोलने मेँ संयमी होता है

लेकिन अपने कार्यो मेँ अग्रणी होता है

सोमवार, 8 नवंबर 2010

परिवर्तनशीलता


जब प्रगति होती है तब परिवर्तन स्वभाविक है;

यदि आप परिवर्तन से डरते हैँ तो उन्नति कैसे हो सकती है?

शनिवार, 6 नवंबर 2010

आपका स्वभाव


आपके अपने स्वभाव के सिवाए कोई आपको दुःख नहीँ देता ;

अपना स्वभाव मधुर व प्रेममय बनायेँ तथा सबका दिल जीतेँ ;

बुधवार, 3 नवंबर 2010

अनमोल खुशियाँ

अपनी खुशियोँ के प्रत्येक क्षण का आनन्द लेँ;

ये वृद्धावस्था के लिए अच्छा सहारा साबित होते हैँ;

सोमवार, 1 नवंबर 2010

जीवन की सार्थकता

जीवन का अर्थ ही क्या रह जायेगा

यदि हममेँ सतत् प्रयत्न करने का साहस न रहेँ!