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बुधवार, 30 नवंबर 2011

जैसा विचार वैसा कार्य


मनुष्य के कार्य आमतौर से उसके विचारोँ के परिणाम होते हैँ। यह विचार आन्तरिक विश्वासोँ का परिणाम होते हैँ।

दूसरे शब्दोँ मेँ इसी बात को योँ कहा जा सकता है कि आन्तरिक भावनाओँ की प्रेरणा से ही विचार और कार्यो की उत्पत्ति होती है, जिसका हृदय जैसा होगा वह वैसे ही विचार करेगा, वैसे कार्यो मेँ प्रवृति रहेगी।

1 टिप्पणी:

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